आंखों (Eyes) की सुरक्षा बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे जुड़े विकार बड़े ही परेशानी भरे हो सकते हैं. कुछ लोगों को आंख से धुंधला दिखाई देता है. यह एक दृष्टि विकार है, जिसमें डॉक्टर द्वारा बताए गए चश्मे या कॉन्टेक्ट लेंस (Contact Lens) की मदद से भी साफ नहीं दिखता है. इसे लेजी आई (Lazy Eye) या एम्बलाइयोपिया कहते हैं. यह मंददृष्टि भी कहलाता है. लेजी आई के ज्यादातर मामलों में केवल एक आंख ही प्रभावित होती है, लेकिन कुछ मामले ऐसे भी हो सकते हैं, जिसमें दोनों आंखों में धुंधलापन हो.
इसके उपचार के बिना मस्तिष्क उस छवि को अनदेखा करना सीख लेगा जो कमजोर आंख से दिखती है. समय पर इलाज न करने पर दृष्टि का यह विकार स्थायी भी हो सकता है. इस विकार में, आंखों में से एक की दृष्टि पूरी तरह से विकसित नहीं होती है, क्योंकि मस्तिष्क केवल सामान्य आंख पर ध्यान केंद्रित करता है, एक को अनदेखा करता है, जो अच्छी तरह से काम नहीं करता है या एक 'लेजी' आई है.
एक आंख में दृष्टि तब खराब होती है जब उस विशेष क्षेत्र में नर्व सेल्स टूटती हैं. नर्व्स ठीक से परिपक्व नहीं हो पाती हैं, जिससे दृष्टि मस्तिष्क को नहीं पहचान पाती है. इसके लक्षण बचपन में ही दिखने लगते हैं. यह आमतौर पर 6 और 9 के बीच की उम्र में होता है. 7 साल की उम्र से पहले इसे पहचानना और इलाज करना पूरी तरह से स्थिति को ठीक करने का सबसे अच्छा मौका होता है.
इसके कारणों में आंख में पर्याप्त रोशनी ना जा पाना, आंख ठीक से फोकस ना कर पाना, दृष्टि संबंधी भ्रम भी हो सकता है, जिसमें दोनों आंखों की तस्वीरें एक समान नहीं दिखाई देती है जैसे भेंगापन. भेंगापन एक ऐसी स्थिति है जिसमें दोनों आंखों को एक साथ एक दिशा में नहीं किया जाता है, जिसका मतलब है कि एक आंख सीधी दिखेगी, जबकि दूसरी आंख ऊपर, नीचे या बगल में दिखेगी. दो-दो छवियों से बचने के लिए मस्तिष्क कमजोर आंख से संकेतों को रोकता है, इसलिए देखने के लिए सिर्फ एक आंख पर निर्भर करता है.
भेंगापन के अलावा आंखों की नसों में गड़बड़ी के कारण हैं- आनुवंशिकता, दुर्घटना या आघात के कारण एक आंख को नुकसान, विटामिन ए की कमी, एक आंख में पलक का गिरना, कॉर्नियल अल्सर, आंखों में किसी तरह का निशान, आंख की स्थिति जैसे मायोपिया, हाइपरोपिया, बच्चों में मोतियाबिंद या दोनों आंखों में अलग-अलग दृष्टि शामिल हैं.
चूंकि मंददृष्टि आमतौर पर शिशु में विकसित होने वाली समस्या है, इसलिए इसके लक्षणों को समझना मुश्किल हो सकता है। हालांकि भेंगापन को मंददृष्टि का एक आम कारण माना जाता है। अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे या शिशु की आंखों में भेंगापन आया है या आंखों के अजीब ढंग से दिखने जैसे कुछ अन्य लक्षण दिख रहे हैं। ऐसी स्थिति में आंख की जांच के लिए बच्चे को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।
एक ऐसा संकेत भी है जो आपके बच्चे में मंददृष्टि रोग की जानकारी दे सकते हैं, जैसे बच्चे की एक आंख ढकने पर बच्चे का रोना या चिड़चिड़ा व्यवहार करना। यदि बच्चे की एक आंख ढकने पर वह परेशान नहीं होता है, लेकिन जब दूसरी आंख ढंकने पर परेशान हो जाता हैं, तो हो सकता है कि आपके द्वारा कवर की गई आंख ठीक है और खुली आंख में मंददृष्टि की समस्या है, जिससे धुंधला दिखता है।
बच्चा जितना छोटा हो उपचार उतना ही अधिक प्रभावी रूप से हो सकता है। बच्चे की आयु 8 वर्ष होने के बाद, दृष्टि में सुधार की संभावना काफी कम हो जाती है, लेकिन तब भी प्रभावी रूप से इलाज होना संभव होता है। मंददृष्टि के इलाज के दो दृष्टिकोण उपयोग में लिए जाते हैं: