सफेद मोतिया (Motiya Bind – Cataracts in Hindi)

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सफेद मोतिया (Motiya Bind – Cataracts in Hindi)

Cataract Surgery in Ambala | Manocha Eye Hospital

Cataract Surgery in Ambala | Manocha Eye Hospital

अगर आपको दूर या पास का कम दिखाई दे, गाड़ी ड्राइव करने में समस्या हो या आप दूसरे व्यक्ति के चेहरे के भावों को न पढ़ पाएं तो समझिए की आप की आंखों में मोतियाबिंद विकसित हो रहा है।

भारत में 90 लाख से लेकर एक करोड़ बीस लाख लोग दोनों आंखों से नेत्रहीन है, हर साल मोतियाबिंद के 20 लाख नए मामले सामने आते हैं। हमारे देश में 62.6 प्रतिशत नेत्रहीनता का कारण मोतियाबिंद है।

लेकिन अत्याधुनिक तकनीकों ने मोतियाबिंद के ऑपरेशन को बहुत आसान और प्रभावी बना दिया है। हाल में प्राप्त विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, 2003 से भारत में मोतियाबिंद के कारण होने वाली नेत्रहीनता में 25 प्रतिशत की कमी आई है। इसका कारण है मोतियाबिंद सर्जरी के प्रति लोगों में जागरूकता।

जानिए क्या होता है मोतियाबिंद?

लेंस आंख का एक स्पष्ट भाग है जो लाइट या इमेज को रेटिना पर फोकस करने में सहायता करता है। रेटिना आंख के पिछले भाग पर प्रकाश के प्रति संवेदनशील उतक है।सामान्य आंखों में, प्रकाश पारदर्शी लेंस से रेटिना को जाता है। एक बार जब यह रेटिना पर पहुंच जाता है, प्रकाश नर्व सिग्नल्स में बदल जाता है जो मस्तिष्क की ओर भेजे जाते हैं।

रेटिना शार्प इमेज प्राप्त करे इसके लिए जरूरी है कि लेंस क्लियर हो। जब लेंस क्लाउडी हो जाता है तो लाइट लेंसों से स्पष्ट रूप से गुजर नहीं पाती जिससे जो इमेज आप देखते हैं वो धुंधली हो जाती है।इसके कारण दृष्टि के बाधित होने को मोतियाबिंद या सफेद मोतिया कहते हैं।

नजर धुंधली होने के कारण मोतियाबिंद से पीड़ित लोगों को पढ़ने, नजर का काम करने, कार चलाने (विशेषकर रात के समय) में समस्या आती है।

Cataract Surgery in Ambala | Manocha Eye Hospital
Cataract Surgery in Ambala | Manocha Eye Hospital

कारण

मोतियाबिंद क्यों होता है इसके कारणों के बारे में स्पष्ट रूप से पता नहीं है, लेकिन कुछ फैक्टर्स हैं जो मोतियाबिंद का रिस्क बढ़ा देते हैं;

  • उम्र का बढ़ना
  • डायबिटीज
  • अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन
  • सूर्य के प्रकाश का अत्यधिक एक्सपोजर
  • मोतियाबिंद का पारिवारिक इतिहास
  • उच्च रक्तदाब
  • मोटापा
  • आंखों में चोट लगना या सूजन
  • पहले हुई आंखों की सर्जरी
  • कार्टिस्टेरॉइड मोडिकेशन का लंबे समय तक इस्तेमाल
  • धुम्रपान

लक्षण

अधिकतर मोतियाबिंद धीरे-धीरे विकसित होते हैं और शुरूआत में दृष्टि प्रभावित नहीं होती है, लेकिन समय के साथ यह आपकी देखने की क्षमता को प्रभावित करता है। इसके कारण व्यक्ति को अपनी प्रतिदिन की सामान्य गतिविधियों को करना भी मुश्किल हो जाता है। मोतियाबिंद के प्रमुख लक्षणों में:

  • दृष्टि में धुंधलापन या अस्पष्टता
  • बुजुर्गों में निकट दृष्टि दोष में निरंतर बढ़ोतरी
  • रंगों को देखने की क्षमता में बदलाव क्योंकि लेंस एक फ़िल्टर की तरह काम करता है
  • रात में ड्राइविंग में दिक्कत आनाजैसे कि सामने से आती गाड़ी की हैडलाइट से आँखें चैंधियाना
  • दिन के समय आँखें चैंधियाना
  • दोहरी दृष्टि (डबल विज़न)
  • चश्मे के नंबर में अचानक बदलाव आना

रोकथाम

हालांकि इसके बारे में कोई प्रमाणित तथ्य नहीं हैं कि कैसे मोतियाबिंद को रोका जा सकता है या इसके विकास को धीमा किया जा सकता है। डॉक्टरों का मानना है कि कईं रणनीतियां मोतियाबिंद की रोकथाम में सहायक हो सकती हैं, जिसमें सम्मिलित हैः

  • चालीस वर्ष के पश्चात नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं
  • सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणें मोतियाबिंद विकसित करने में सहायता कर सकती हैं। जब भी बाहर धूप में निकलें सनग्लासेस लगाएं यह यूवी किरणों को ब्लॉक कर देता है
  • अगर आपको डायबिटीज या दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं हैं जिससे मोतियाबिंद का खतरा बढ़ जाता है उनका उचित उपचार कराएं।
    अपना वजन सामान्य बनाएं रखें
  • रंग-बिरंगे फलों और सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करें। इनमें बहुत सारे एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो आंखों को स्वस्थ्य रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं
  • धुम्रपान छोड़ें और शराब का सेवन कम से कम करें

उपचार

जब चश्मे या लेंस से आपको स्पष्ट दिखाई न दे तो सर्जरी ही एकमात्र विकल्प बचता है। सर्जरी की सलाह तभी दी जाती है जब मोतियाबिंद के कारण आपके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित होने लगती है। सर्जरी में जल्दबाजी न करें, क्योंकि मोतियाबिंद के कारण आंखों को नुकसान नहीं पहुंचाता है, लेकिन अगर आपको डायबिटीज है तो इसमें देरी न करें।

मोतियाबिंद की सर्जरी कब करानी चाहिए?

जब मोतियाबिंद आपके दैनिक कार्यों में दिक्कत पैदा करने लगे तो आपको सर्जरी करा लेनी चाहिए, मोतिये के पकने का इंतज़ार नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से सर्जरी ज़्यादा जटिल हो जाती है।

ज़्यादातर दोनों आँखों की सर्जरी एक साथ नहीं की जाती है। अगर एक आँख में सर्जरी के बाद सुधार अच्छा हो तो दूसरी आँख की सर्जरी अगले दिन भी की जा सकती है। यह मरीज़ और डॉक्टर दोनों की सहूलियत पर निर्भर करता है।

मोतियाबिंद सर्जरी के बाद की सावधानियां

Dr. Deepti Manocha
Dr. Deepti Manocha
Dr. Deepti Manocha joined Manocha Eye Hospital after completing her Post Graduation in Ophthalmology from Sir Ganga Ram Hospital, New Delhi in 2006. Dr. Deepti Manocha took the legacy forward and added state of the art technology to the hospital. She bought many latest changes to the hospital. She added Modular Eye Operation Theater, Blade-Free Lasik Laser and many other technical & diagnostic assets to the hospital. Manocha Eye Hospital extended its services in the area of cashless empanelments and is currently on the panel of all major TPAs and government schemes like ECHS, CGHS, Ayushmann Bharat. The hospital is also providing the scope of its services to the employees of the Haryana government and Himachal government. Dr. Deepti Manocha bought advance and modern treatments for many eye diseases to Manocha Eye Hospital.

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